चाईबासा :
स्कूलों में चलने वाला मध्याह्न भोजन और आंगन बाड़ी में परोसा जाने वाला आहार अति महत्वपूर्ण योजना है।खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत स्कूल और आंगन बाड़ी के बच्चों को पोष्टिक आहार उपलब्ध कराना लक्ष है।सरकार और विभाग ने इसके लिए मीनू भी बना रखी है।पर हमेशा ये योजना विवादो के घेरे में आ जाता है।आए दिन कभी गुणवत्ता को लेकर,कभी साफ साफ सफाई को लेकर तो कभी संचालन को लेकर विवाद खड़ा होता है।कभी कभी प्रदूषित खाना परोसे जाने से बच्चों के बीमार पड़ने की खबरें भी सुर्खिया बटोरती है।इसके सफल संचालन हेतु पंचायत स्तर पर एक एम डी एम सेल के गठन की मांग उठने लगी है।
झामुमो प्रखंड अध्यक्ष संदेश सरदार ने कहा मध्याह्न भोजन योजना अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है।पर इसके सिस्टम में दोष होने के कारण कई जगह सफेद हाथी साबित होता है।योजना का प्राण निकाल दिया गया है।हर हाल में योजना का संचालन विद्यालय प्रबंधन समिति और माता समिति को करना है पर 90%स्कूलों में संचालन प्रधान शिक्षक करते है और यही से मनमानी की पटकथा शुरू होती है।
आजसू के जिला वरीय उपाध्यक्ष गंगा धर महतो ने कहा स्कूलों और आंगन बाड़ी केंद्रों में मध्याह्न भोजन को लेकर जनता का फीड बैक सकारात्मक नही है।बच्चे और अभिभावक संतुष्ट नहीं है।इसे सबसे पहले शत प्रतिशत समिति द्वारा संचालित की जाए। जो शिक्षक या सेविका मनमानी कर रहे है।प्रोक्ष या अपरोक्ष रूप से एम डी एम का संचालन कर रहे है।उनपर विभागीय करवाई सुनिश्चित हो।
भाजपा प्रखंड अध्यक्ष राई भूमिज ने कहा हर हाल में मध्याह्न भोजन का संचालन समिति द्वारा सुनिश्चित किया जाए। इसके सफल संचालन के लिए पंचायत स्तर पर एक एम डी एम सेल का गठन किया जाय। जिसमे गांव की सरकार के साथ मनकी मुंडा और शिक्षा प्रेमियों को शामिल किया जाए।ये सेल लगातार अपने पंचायत के स्कूलों और आंगन बाड़ी केंद्रों की निगरानी करे।