ओडिशा में रेलवे ट्रैक पर हाथियों का झुंड, चक्रधरपुर रेल मंडल में घंटों ठप रहा ट्रेनों का परिचालन
चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत ओडिशा क्षेत्र में रविवार रात एक अप्रत्याशित घटना हुई, जब 25 से 30 हाथियों का झुंड रेलवे ट्रैक पर आ गया। यह घटना भालुलता और बिसरा स्टेशनों के बीच घटी, जिससे हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया। अचानक हुए इस व्यवधान के कारण कई ट्रेनें विभिन्न स्टेशनों पर रोक दी गईं, जिससे यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा।
गीतांजलि एक्सप्रेस और अन्य ट्रेनें प्रभावित
रिपोर्ट के अनुसार, गीतांजलि एक्सप्रेस को भालुलता स्टेशन पर ही रोक दिया गया है, जहां यह करीब एक घंटे से अधिक समय से खड़ी है। इसके अलावा, कई अन्य ट्रेनों को राउरकेला स्टेशन और आसपास के विभिन्न स्थानों पर रोका गया है। रेलवे अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और हाथियों के झुंड को सुरक्षित तरीके से ट्रैक से हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, झुंड के आकार और वन्यजीवों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया काफी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
यात्रियों को हो रही असुविधा
घटना के कारण बड़ी संख्या में यात्रियों को यात्रा में देरी का सामना करना पड़ा है। लंबी दूरी की गाड़ियां जहां-तहां रुक गई हैं, जिससे यात्रियों के बीच बेचैनी और असुविधा की स्थिति बन गई है। कई यात्रियों को भोजन और पानी की कमी जैसी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा है। रेलवे स्टेशन के अधिकारी यात्रियों को स्थिति से अवगत कराते हुए उन्हें सहयोग प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं।
वन विभाग और रेलवे का समन्वित प्रयास
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और रेलवे अधिकारी तुरंत हरकत में आ गए। वन विभाग की टीम हाथियों को ट्रैक से हटाने के लिए अभियान चला रही है ताकि जल्द से जल्द रेल परिचालन फिर से शुरू किया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार के मामलों में हाथियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी किए बिना अत्यंत सावधानीपूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं।
रेल परिचालन पर दीर्घकालिक प्रभाव की आशंका
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस मार्ग पर परिचालन बहाल करने में कुछ और समय लग सकता है, क्योंकि हाथियों का झुंड अब भी क्षेत्र में सक्रिय है। रेलवे ने यात्रियों से संयम बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि सभी गाड़ियां जल्द ही अपने गंतव्य की ओर बढ़ेंगी। फिलहाल इस मार्ग पर अन्य गाड़ियों के आवागमन को नियंत्रित किया जा रहा है, ताकि स्थिति सामान्य होने पर तुरंत परिचालन शुरू किया जा सके।
प्रकृति और रेलवे के बीच संतुलन की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर से इस बात को रेखांकित करती है कि वन्यजीवों और रेलवे जैसे बुनियादी ढांचे के बीच संतुलन बनाना कितना आवश्यक है। चक्रधरपुर रेल मंडल के इस हिस्से से अक्सर हाथियों के झुंड गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। वन विभाग और रेलवे के बीच बेहतर समन्वय से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
इस घटना से यह स्पष्ट है कि हाथियों के प्राकृतिक मार्गों और मानव निर्मित संरचनाओं के बीच संघर्ष को हल करने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाशना जरूरी है। फिलहाल सभी की निगाहें वन विभाग और रेलवे के संयुक्त प्रयासों पर हैं, जो जल्द से जल्द इस स्थिति को सामान्य करने के लिए काम कर रहे हैं।
अधिक जानकारी के लिए रेलवे ने यात्रियों से अपडेट प्राप्त करने के लिए नजदीकी स्टेशनों या रेलवे हेल्पलाइन से संपर्क करने की अपील की है।