The वॉयस खास
अबुआ अखाडा
खींच- तान
नामांकन की प्रक्रिया के बाद धरातल में जनता के मन को टटोलने के लिए शनिवार को अबुआ अखाडा की टीम क्रमशः मँझगांव और जगन्नाथपुर के सफर पर निकली…इन विधानसभाओ मे दाना तूफान ने राजनेताओ को चुनावी माहौल मे मतदाताओं के सामने किसी किस्म का दाना डालने का अवसर नहीं दिया..इन विधानसभाओ मे वादा खिलाफ राजनेताओ की चर्चा भी खूब सुनी कुमार डूंगी चौक पर एक व्यक्ति को यह भी कहते सुना ” सुबह से ही बुलाया था नेता जी ने मिलने को अभी फोन नहीं उठा रहा है बार-बार फोन काट दे रहा हैं.. अभी जीता नहीं हैं जीतेगा तो क्या करेगा अपनी इसी आदत के कारण नेता जी हार जाता हैं “ तो वही एक गाँव के नुक्कड़ पर डिजिटल युवाओं को यह कहते सुना नेता जी फर्जी व्यूवरशिप से बहुत ख़ुश हो रहे कल 14 हज़ार दिखाई आज 44 हज़ार… 10 हज़ार मे 50 हज़ार का काम हो रहा हैं, जगन्नाथपुर में तो नेताओं की जीत से पहले बडी अद्भुत स्थिति देखी फ़िल्म शोले के सिक्के की चर्चा भी सुनी.. बड़े राजनेताओं के पी ए का रंग भी देखा….अभी प्रत्याशी ही बने हैं ऐसे लोगो का घमंड सातवे आसमान पर पहुंच गया..है रस्सी जलने के बाद भी बल नहीं गया हैं कुछ झूठ बोलने व वादा खिलाफ नेताओं से पाला यहाँ भी पडा.. तो इसी विधानसभा मे राजनितिक गठबंधन को तार-तार होते देखा यहाँ गठबंधन धर्म को अधर्म मे बदलते व इस धर्म को तोड़ने वाले राजनेताओं को बिगबॉस/सुप्रियर बॉस का समर्थन मिलते भी देखा नतीजा गठबंधन की मुखालफत करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओ को पनिशमेंट देने की बजाय उन्हें चुनावी पैकेज देने बात भी जनता दबी जुबान से कहती रही..लेकिन दोनों ही विधानसभाओ मे ऐसे उम्मीदवारो को इस बार विधानसभा के द्वार को देखने की परमिशन देती..जनता नहीं दिख रही हैं दोनों ही स्थानों मे बदलाव परिवर्तन *इस बार एक लाख पार वाले नारे फेल होते दिख रहे हैं इस बार *उचित-व्यहवार* शब्द जनता के जेहन मे हैं अब देखने वाली बात ये हैं की अपने व्यहवार से जनता का मन कौन-कौन से प्रत्याशी जीत पाते हैं..
The वॉयस खास
अबुआ अखाडा
के लिये
Jitendra jyotishi